Bhagavad Gita 2.6

Bhagavad Gita 2.6: Verse 6

न चैतद्विद्मः कतरन्नो गरीयो-
यद्वा जयेम यदि वा नो जयेयुः ।
यानेव हत्वा न जिजीविषाम-
स्तेऽवस्थिताः प्रमुखे धार्तराष्ट्राः ॥2.6॥

भावार्थ - Gist

हम यह भी नहीं जानते कि हमारे लिए युद्ध करना और न करना- इन दोनों में से कौन-सा श्रेष्ठ है, अथवा यह भी नहीं जानते कि उन्हें हम जीतेंगे या हमको वे जीतेंगे। और जिनको मारकर हम जीना भी नहीं चाहते, वे ही हमारे आत्मीय धृतराष्ट्र के पुत्र हमारे मुकाबले में खड़े हैं॥2.6॥

We don’t know which is meritorious for us, to fight or not to fight, nor do we know, whether we shall win or they will conquer us. The sons of Dhrtarastra, by killing whom we do not even wish to live, are arrayed against us.

व्याख्या - Explanation