Bhagavad Gita 1.20

Bhagavad Gita 1.20: Verse 20

अर्जुन का सैन्य परिक्षण, गाण्डीव की विशेषता

अर्जुन उवाचः
अथ व्यवस्थितान्दृष्ट्वा धार्तराष्ट्रान्‌ कपिध्वजः ।
प्रवृत्ते शस्त्रसम्पाते धनुरुद्यम्य पाण्डवः ।। 20।।

भावार्थ - Gist

हे महीपते धृतराष्ट्र! अब षस्त्र चलने की तैयारी हो ही रही थी कि उस समय अन्याय पूर्वक राज्य को धारण करने वाले राजाओं और उनके साथियों को व्यवस्थित रूप से सामने खड़े हुए देखकर कपिध्वज पाण्डुपुत्र अर्जुन ने (अपना) गाण्डीव धनुष उठा लिया (और) अन्तर्यामी भगवान् श्रीकृष्ण से यह वचन बोले।

Now, O Lord of the earth, seeing Dhrtarastra’s sons arrayed against him, and the fighting about to commence with missiles, Pandava (Arjuna) whose ensign bears the Hanuman, lifting his bow, spoke the following words, to Krsna.

व्याख्या - Explanation