Bhagavad Gita 2.17: Verse 17
अविनाशि तु तद्विद्धि येन सर्वमिदं ततम् ।
विनाशमव्ययस्यास्य न कश्चित्कर्तुमर्हति ॥2.17॥
भावार्थ - Gist
नाशरहित तो तू उसको जान, जिससे यह सम्पूर्ण जगत्- दृश्यवर्ग व्याप्त है। इस अविनाशी का विनाश करने में कोई भी समर्थ नहीं है॥2.17॥
Know that to be imperishable, by which all this world is pervaded; for none can bring about the destruction, of the indestructible.

व्याख्या - Explanation